अख़बार ने सऊदी अधिकारियों के हवाले से यह रहस्योद्घाटन किया है कि सऊदी क्राउन प्रिंस ने सीरियाई राष्ट्रपति और इस देश के संबंध में अपनी ग़लत नीतियों को स्वीकार किया है और दमिश्क़ के साथ कूटनीतिक संबंधों पर बल दिया है।

ग़ौरतलब है कि सीरिया में 2011 से संकट की शुरूआत हुई थी। दाइश और नुस्रा फ़्रंट जैसे आतंकवादी गुटों ने अमरीका, इस्राईल और कुछ अरब देशों के समर्थन से इस देश को हिंसा और अशांति की भट्टी में झोंक दिया था।
सीरिया में विद्रोही और आतंकवादी गुटों और उनके समर्थकों की एक ही मांग थी कि सीरियाई राष्ट्रपति बशार असद को सत्ता छोड़नी होगी, लेकिन सीरियाई सरकार ने ईरान, रूस और हिज़्बुल्लाह के सहयोग से आतंकवादी गुटों और उनके समर्थकों को पराजित कर दिया।
सियासह अलकुवैतिया अख़बार के मुख्य संपादक अहम जारुल्लाह ने हाल ही में असद और सीरियाई राष्ट्र से माफ़ी मांगते हुए स्वीकार किया था कि फ़ार्स खाड़ी के अरब देशों ने आतंकवादियों को सीरिया भेजा था और उनकी मदद की थी।
सीरिया युद्ध में बशार असद की जीत के बाद अब एक के बाद एक अरब देश अपनी ग़लत नीतियों को स्वीकार कर रहे हैं और एक बार फिर दमिश्क़ की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं।